हिन्दी-भाषा-लिपि

हिन्दी-भाषा-लिपि


हिन्दी, भाषाई विविधता का एक ऐसा स्वरूप जिसने वर्तमान में अपनी व्यापकता में कितनी ही बोलियों और भाषाओं को सँजोया है। जिस तरह हमारी सभ्यता ने हजारों सावन और हजारों पतझड़ देखें हैं, ठीक उसी तरह हिन्दी भी उस शिशु के समान है,जिसने अपनी माता के गर्भ में ही हर तरह के मौसम देखने शुरू कर दिए थे। हिन्दी की यह माता थी संस्कृत भाषा, जिसके अति क्लिष्ट स्परूप और अरबी, फारसी जैसी विदेशी और पाली, प्राकृत जैसी देशी भाषाओं के मिश्रण ने हिन्दी को अस्तित्व प्रदान किया। जिस शिशु को इतनी सारी भाषाएँ अपने प्रेम से सींचे उसके गठन की मजबूती का अंदाज लगाना बहुत मुश्किल है।
हिन्दी भाषा तथा देवनागरी लिपि

·     हिन्दी का जन्म
·     हिन्दी का नामकरण
·     हिन्दी भाषा की उत्पत्ति और विकास
·     हिन्दी की पूर्ववर्ती भाषाएँ
·     अपभ्रंश का परिचय
·     अपभ्रंश:भाषा-प्रवाह तथा विशेषतायें
·     खड़ीबोली का विकास
·     राष्ट्रभाषा हिन्दी
·     हिन्दी का भाषा वैभव तथा महत्व
·     मानक भाषा
·     हिन्दी मे वर्तनी


·     देवनागरी लिपि का संक्षिप्त परिचय
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·     लोक भाषा : ब्रजभाषा
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